RSS की विचारधारा पर बड़ा बयानअमित शाह ने राहुल गांधी के उस आरोप का जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि RSS देश की संस्थाओं पर कब्जा कर रही है। शाह ने कहा कि RSS की विचारधारा देश के लिए समर्पण और प्राणों की आहुति देने की विचारधारा है, और इसी विचारधारा वाले लोग आज प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में देश की सेवा कर रहे हैं।
• शाह ने कहा कि कोई कानून नहीं है कि RSS की विचारधारा वाला व्यक्ति constitutional पद पर नहीं बैठ सकता।
• उन्होंने यह भी जोड़ा कि विपक्ष के कुछ नेताओं को RSS का नाम सुनते ही एलर्जी हो जाती है, जबकि संगठन ने दशकों तक सेवा और राष्ट्र निर्माण का कार्य किया है।
चुनाव सुधार पर सरकार का पक्षचुनाव सुधार की बहस का जवाब देते हुए अमित शाह ने स्पष्ट किया कि चुनाव व्यवस्था की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है, जो एक संवैधानिक संस्था है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग को विशेष अधिकार दिए गए हैं और चुनाव सुधार की प्रक्रिया आयोग की सिफारिशों के आधार पर आगे बढ़ती है।
• शाह के अनुसार, 2014 के बाद किन-किन दलों ने चुनाव सुधार पर औपचारिक सुझाव दिए, इसकी जांच चुनाव आयोग से करवाई गई।
• उन्होंने इशारों में आरोप लगाया कि जो पार्टियां सबसे ज्यादा शोर मचा रही हैं, वे ही सुधारों पर औपचारिक सुझाव देने में सबसे पीछे हैं।
SIR और मतदाता सूची पर विवादबहस के दौरान विपक्ष ने SIR (Special Intensive Revision या मतदाता सूची शुद्धिकरण प्रक्रिया) पर गंभीर आपत्तियां उठाईं। अमित शाह ने कहा कि SIR किसी तरह की साजिश नहीं, बल्कि मतदाता सूची को शुद्ध और सही बनाने की वैधानिक प्रक्रिया है।
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