रेलवे बोर्ड द्वारा सर्वे के लिए अधिकारियों को भेजा गया था। जिला प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात किया था। प्रशासन का कहना है कि यह एक सरकारी कार्य है और इसे पूरा किया जाएगा।
जशपुर में आदिवासी समुदाय का कहना है कि रेलवे सर्वे बिना उनकी अनुमति के किया जा रहा है, जो कि उनके अधिकारों का उल्लंघन है। वे बताते हैं कि उनके पास छोटी-छोटी जमीनें हैं, हमारा जल जंगल जमीन छिन जाएगा तो हम कहाँ जाएंगे। यदि अधिग्रहित हुईं तो वे बेघर हो जाएंगे।
आदिवासी विरोध और पुलिस कार्रवाई
सर्वे के दौरान ग्राम त्रिशोट में ग्रामीणों और भारत मुक्ति मोर्चा के जिला संयोजक रूप नारायण एक्का के नेतृत्व में विरोध हुआ। विरोध के कारण प्रशासन को कार्य में बाधा का सामना करना पड़ा। पुलिस ने इस मामले में सुसंगत धाराओं के तहत अपराध पंजीकृत किया और जांच शुरू की।
पुलिस को सूचना मिली कि विरोध प्रदर्शन में शामिल रूप नारायण एक्का फरार हो गया। पुलिस ने उसका पीछा किया और अंबिकापुर के पास गिरफ्तार किया। गिरफ्तार रूप नारायण एक्का ने पुलिस के सामने माफी मांगी, लेकिन उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
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