केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है जिसमें जातीय जनगणना कराने का फैसला किया गया है। इस निर्णय की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। यह जातीय गणना अगले राष्ट्रीय जनगणना सर्वेक्षण में शामिल की जाएगी।
सरकार का दृष्टिकोण
सरकार का मानना है कि इस जातीय जनगणना से देश के पिछड़े वर्ग के लोगों का आर्थिक स्तर सुधरेगा। यह निर्णय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि विपक्षी दल लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे।
विपक्ष का रुख
राहुल गांधी, अखिलेश यादव और नीतीश कुमार जैसे विपक्षी नेता लगातार जातीय जनगणना की मांग करते रहे हैं। विशेष रूप से राहुल गांधी ने संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इंडिया गठबंधन ने इसे एक प्रमुख मुद्दा बनाया था, जिसका नारा था "जिसकी जितनी भागीदारी है, उसको उतना ही हिस्सा होना चाहिए"।
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