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जापान में चावल की समस्या: 25 साल बाद क्यों मंगवाना पड़ा कोरियाई चावल?

हाल ही में जापान ने 25 साल बाद पहली बार दक्षिण कोरिया से चावल आयात किया है। मार्च 2025 में दक्षिण कोरिया ने जापान को दो टन चावल बेचा और 20 टन चावल का ऑर्डर भी हासिल कर लिया। यह खबर इसलिए खास है क्योंकि जापान आमतौर पर अपना चावल खुद उगाता है और आयात बहुत कम करता है। तो आखिर ऐसी क्या वजह रही कि जापान को कोरिया से चावल मंगवाना पड़ा?

जापान में चावल की स्थिति

जापान में चावल ना सिर्फ एक मुख्य भोजन है, बल्कि उसकी संस्कृति और परंपरा से भी जुड़ा है। लेकिन हाल के समय में जापान के कई हिस्सों में देसी चावल की कमी हो गई है। इसकी वजह से चावल की मांग और कीमत दोनों बढ़ गई हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा और सप्लाई बढ़ाने के लिए कदम उठाने पड़े।

चावल की कमी के कारण

मौसम की मार : जापान में पिछले कुछ सालों में मौसम की मार और प्राकृतिक आपदाओं के कारण चावल की पैदावार कम हुई है।

कृषि भूमि में कमी : शहरीकरण  और जनसंख्या में बदलाव के कारण खेती योग्य जमीन घट रही है।

• आयात की अनिच्छा : जापान अपनी पारंपरिक किस्मों के चावल को प्राथमिकता देता है, इसलिए वह आयात से बचता है। लेकिन इस बार मजबूरी में उसे कोरिया से चावल मंगवाना पड़ा। 

जापान की अर्थव्यवस्था पर असर

चावल की कमी और बढ़ती कीमतों का असर जापान की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। सरकार को सप्लाई बढ़ाने के लिए आयात का सहारा लेना पड़ा, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि देश की खाद्य सुरक्षा को लेकर चुनौतियां बढ़ रही हैं। इससे महंगाई भी बढ़ सकती है और आम जनता पर बोझ पड़ सकता है।

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