2023 में पोप फ्रांसिस द्वारा नियुक्त किए गए पोप लियो XIV (पूर्व नाम: कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट) इतिहास में पहले अमेरिकी पोप बने हैं। उनका जन्म शिकागो में हुआ था, लेकिन उनका जीवन और सेवा विश्वभर में फैली रही। यह नियुक्ति न केवल कैथोलिक चर्च के लिए, बल्कि अमेरिका के लिए भी ऐतिहासिक है।
पोप लियो XIV का जीवन परिचय
पोप लियो XIV का असली नाम रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट है।
जन्म: शिकागो, अमेरिका
शिक्षा: शिकागो थियोलॉजिकल यूनियन से डिविनिटी डिग्री
जीवन का बड़ा हिस्सा:
एक तिहाई जीवन पेरू में
एक तिहाई जीवन इटली में
शेष अमेरिका में
मिशनरी जीवन
पोप लियो XIV ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा पेरू में मिशनरी के रूप में बिताया।
वहाँ उन्होंने गाड़ियों की मरम्मत से लेकर कॉलेज स्तर की कक्षाएँ पढ़ाने तक, हर प्रकार का कार्य किया।
पेरू के अनुभवों ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया और उनका व्यक्तित्व गढ़ा।
वेटिकन में भूमिका
दो साल पहले वे वेटिकन आए और वहाँ एक महत्वपूर्ण कार्यालय का नेतृत्व किया, जिसका काम दुनिया भर में बिशप्स की पहचान करना और नियुक्त करना था।
इस भूमिका के कारण वे दुनियाभर के चर्च नेताओं से परिचित हो गए, जिससे उन्हें पोप चुने जाने में बढ़त मिली।
पोप बनने के बाद पहली प्रतिक्रिया
पोप लियो XIV ने अपने पहले भाषण में "ब्रिज बिल्डिंग", "शांति", "न्याय" और "मिशनरी चर्च" जैसे विषयों पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि चर्च को सभी का स्वागत करना चाहिए और समाज के किनारे (peripheries) पर रहने वालों तक पहुँचना चाहिए।
उनका दृष्टिकोण पूरी तरह वैश्विक है, केवल अमेरिकी नहीं।
शिकागो में जश्न
पोप लियो XIV के पोप बनने की खबर से शिकागो में जबरदस्त उत्साह देखा गया।
चर्चों में घंटियाँ बजीं, लोग इकट्ठा हुए, और बच्चों में खासा उत्साह था।
एक 12 साल के बच्चे ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने जीवन में एक अमेरिकी पोप देखूंगा। यह पल मैं अपने बच्चों और पोते-पोतियों को सुनाऊंगा।"
नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, "यह अमेरिका के लिए ऐतिहासिक दिन है। हम उनके लिए प्रार्थना करेंगे कि वे कैथोलिक चर्च का नेतृत्व करें और सभी के लिए प्रेरणा बनें।"
राज्य के गवर्नर और मेयर सहित कई नेताओं ने भी बधाई दी।
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