भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। 36 वर्षीय कोहली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला। इस फैसले ने क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है, क्योंकि कोहली ने हमेशा टेस्ट क्रिकेट को सर्वोच्च स्थान दिया था।
कोहली का टेस्ट करियर
विराट कोहली ने 14 साल के लंबे टेस्ट करियर में 123 मैच खेले। उन्होंने पर्थ टेस्ट में शतक जरूर लगाया, लेकिन उसके बाद उनका प्रदर्शन साधारण रहा। भारत को पांच मैचों की सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा। कोहली ने अपने करियर में 8,000 से ज्यादा रन बनाए और उनकी औसत 46 के करीब रही। हालांकि, वे 10,000 टेस्ट रन का आंकड़ा छू नहीं पाए।
संन्यास का कारण
कोहली के अचानक संन्यास के पीछे कई कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट के साथ कम्युनिकेशन गैप भी एक कारण हो सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चयनकर्ताओं ने कोहली को इंग्लैंड दौरे के लिए पूरी तरह आश्वस्त नहीं किया था। वहीं, कुछ का मानना है कि यह फैसला कोहली ने खुद अपने परिवार से सलाह-मशविरा कर लिया।
विशेषज्ञों की राय
क्रिकेट विशेषज्ञ विक्रांत गुप्ता और पूर्व क्रिकेटर मदन लाल का मानना है कि कोहली का यह फैसला चौंकाने वाला है। विक्रांत गुप्ता ने कहा कि कोहली ने हमेशा टेस्ट क्रिकेट को अपनी प्राथमिकता दी थी और उनका अचानक जाना भारतीय टेस्ट टीम के लिए बड़ा झटका है। मदन लाल ने कहा कि ऐसे फैसले आसान नहीं होते, खासकर जब खिलाड़ी इतने सालों से खेल रहा हो।
भारतीय क्रिकेट में बदलाव
पिछले कुछ सालों में भारतीय टेस्ट टीम में कई बड़े बदलाव हुए हैं। चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा और अब विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी एक-एक कर टीम से बाहर हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अब नए खिलाड़ियों को मौका मिलेगा और भारतीय क्रिकेट में एक नई पीढ़ी का आगमन होगा।
कोहली का योगदान
विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनकी फिटनेस, जुनून और आक्रामकता ने टीम को एक नया आत्मविश्वास दिया। कोहली का नाम हमेशा भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
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