आयोग की समयसीमा और कार्यान्वयन :-
सरकार ने 8वें वेतन आयोग को अधिसूचित कर दिया है और इसके नियमावली (टीओआर) को मंजूरी प्रदान कर दी है। आयोग को रिपोर्ट सौंपने के लिए 18 महीनों का समय मिला है, जिसके बाद सरकार को सिफारिशों की जांच में 3 से 6 महीने लग सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत में लागू हो सकता है, हालांकि कोई आधिकारिक तारीख अभी घोषित नहीं हुई है। यदि जनवरी 2026 से रेट्रोस्पेक्टिव प्रभाव से लागू होता है, तो कर्मचारियों को 24 महीनों का एरियर (बकाया) मिल सकता है।
सैलरी और पेंशन में संभावित वृद्धि :-
एक्सपर्ट अनुमान के मुताबिक, सैलरी और पेंशन में 30 से 34 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है, जिसमें फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 तक रह सकता है, मुख्य रूप से 2.2 पर केंद्रित। उदाहरणस्वरूप, लेवल-1 के न्यूनतम वेतन (18,000 रुपये बेसिक) वाले कर्मचारी की वर्तमान ग्रॉस सैलरी लगभग 35,000 रुपये मासिक है। 34% वृद्धि पर यह बढ़कर करीब 46,900 रुपये हो जाएगी, यानी मासिक 11,900 रुपये का लाभ । 24 महीनों के एरियर से न्यूनतम वेतन वाले को लगभग 2.85 लाख रुपये का एकमुश्त फायदा हो सकता है, जबकि उच्च वेतन स्तरों पर यह राशि और अधिक होगी।
कवर होने वाली मुख्य सुविधाएं :-
आयोग बेसिक सैलरी रिवीजन, एचआरए, ट्रांसपोर्ट भत्ता, पेंशन, डियरनेस रिलीफ, ग्रेच्युटी, रिटायरमेंट बेनिफिट्स, वेज इक्विटी और इंसेंटिव्स को कवर करेगा। इससे लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 69 लाख पेंशनर्स को लाभ मिलेगा । पिछली तरह रेट्रोस्पेक्टिव प्रभाव से एरियर एकमुश्त या किश्तों में मिलने की संभावना है, जो महंगाई से जूझते कर्मचारियों के लिए राहत साबित हो सकता है।
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